अंबेडकरनगर । महिला की प्रेगनेंसी स्वास्थ विभाग के लिए मुसीबत बन गई है । महिला गर्भपात कराना चाह रही है और स्वास्थ विभाग ऊहा पोह की दशा में है । महिला दो दिनों से गर्भपात कराने के लिए अस्पताल का चक्कर लगा रही है । महिला के परिजन का आरोप है कि गर्भपात के लिए डॉक्टर ने दो दिन पहले एक दवा खाने को दी थी लेकिन अब गर्भपात करने में टाल मटोल कर रहे हैं ।
मामला टांडा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है । बताया जा रहा है कि एक महिला का नशबंदी हुआ था । नशबंदी के बाद भी महिला प्रेग्नेंट हो गई । प्रेगनेंसी की बात जब घर वालों को पता चला तो वे महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे । जहां महिला की जांच होने पर पता चला कि महिला ढाई माह से प्रेगनेंट है । महिला बच्चे को जन्म देने को तैयार नहीं है । पहले तो महिला को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन महिला और उसके परिजन ने साफ मना कर दिया ।
अस्पतालों का चक्कर काट रही है महिला
नशबंदी के बावजूद प्रेगनेंट हुई महिला के परिजन का आरोप है कि प्रेगनेंसी की जानकारी होने पर पहले जिला अस्पताल ले जाया गया । जहां देखने के बाद डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज ले जाने को कहा । जब महिला को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां डॉक्टर ने जिंदा बच्चे का गर्भपात करने से इंकार कर दिया । दूसरे दिन फिर महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां पर मौजूद महिला डॉक्टर ने कहा कि पहले यह दवा खिला दो जिससे भ्रूण खत्म हो जाएगा । दो दिन बाद अबार्सन कर दूंगी । लेकिन जब आज बताया गया कि जिस डॉक्टर ने कहा था उन्होंने इस्तीफा दे दिया है । नर्स ने यह भी बताया कि बच्चा मर चुका है और इस जल्दी से निकलवा लो।
जिला पंचायत अध्यक्ष से मांगी मदद
अस्पताल का चक्कर लगा रहे परिजन ने जिला पंचायत अध्यक्ष साधू वर्मा से मदद मांगी । बताया जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के हस्तक्षेप पर सीएमओ ने महिला के इलाज का निर्देश दिया । जिसके बाद महिला को जिला अस्पताल से महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज रिफर किया गया । महिला को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है।
सीएमओ संजय कुमार सैहवाल ने बताया कि सीएमएस ने बताया है कि एक महिला नशबंदी के बाद भी प्रेग्नेंट हुई है । ज्यादा जानकारी सीएमएस ही दे सकते हैं ।