अम्बेडकरनगर।महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में छात्रों के बीच हुए विवाद में अब एक नया मोड़ आ गया है।कुछ छात्रों के नाम से मुख्यमंत्री के निजी सचिव को पत्र भेज कर पूरे मामले की जांच कर रही जांच कमेटी के अध्यक्ष पर ही सवाल उठा दिया गया है।हलाकि जिन छात्रों के नाम से मुख्यमंत्री के निजी सचिव को पत्र भेजा गया है उनमें से कुछ छात्रों ने पत्र भेजने से साफ इंकार कर दिया है।मुख्यमंत्री के निजी सचिव को भेजा गया पत्र और छात्रों के द्वारा किए गए खंडन पत्र की जांच की जा रही है।
महामाया राजकीय मेडिकल कालेज में बीते रविवार को छात्रों के दो गुटों में विवाद हो गया था।जिसके बाद 19 छात्रों पर मुकदमा दर्ज हुआ। 8 छात्रों का निलंबन हुआ ।कालेज प्रशासन ने 10 छात्रों के खिलाफ रैंकिंग को लेकर एनएमसी को रिपोर्ट भी गयी थी।
छात्रों ने पत्र भेजने से किया इनकार !
इस प्रकरण को लेकर अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन को मुख्यमंत्री के निजी सचिव को संबोधित एक पत्र प्राप्त हुआ है।जिसमे पूरे मामले की जांच करने वाली टीम के अध्यक्ष और मेडीसिन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ मुकेश राना पर आरोप लगाया गया है कि वे जातीयता के आधार पर छात्रों का शोषण करते हैं कॉलेज में माहौल खराब करते हैं।चार छात्रों के हस्ताक्षर वाले पत्र में कई अन्य आरोप लगाया गया है।पत्र में जिन छात्रों के नाम व हस्ताक्षर हैं उनके नाम शिवम गुप्ता, शिवम तिवारी ,अवनीश कुमार और अरुण कुमार हैं।जिन चार छात्रों के हवाले से पत्र भेजा गया है इनमें से तीन छात्रों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी हुई है।मुख्यमंत्री के निजी सचिव को भेजे पत्र में जिन चार छात्रों के हस्ताक्षर हैं उनमें से अरुण कुमार ,शिवम गुप्ता और शिवम तिवारी ने इस तरह के किसी भी को भेजने से इनकार कर दिया है।छात्रों ने इस पत्र पर जो हस्ताक्षर है उसे भी अपना नही बताया है।यही नही कालेज प्रशासन के मुताबिक अवनीश नाम का कोई छात्र ही नही है।मेडिकल कॉलेज प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रहा है।