अनुराग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अयोध्या मंडल के मंडलायुक्त गौरव दयाल का स्थानांतरण अन्य उच्च दायित्वों हेतु कर दिया गया है। उनका प्रशासनिक कार्यकाल अयोध्या के लिए एक युग परिवर्तनकारी कालखंड के रूप में जाना जाएगा। उनके नेतृत्व में इस पावन नगरी ने न केवल तीव्र गति से विकास किया, बल्कि अपनी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और वैश्विक पहचान को और अधिक मजबूत किया। उनके कुशल और दूरदर्शी नेतृत्व में अयोध्या ने कई ऐतिहासिक अवसरों को भव्यता के साथ सफलतापूर्वक संपन्न किया। अयोध्या वासियों ने इनके रचनात्मक सोच और कार्यों की सराहना की है ।
भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा और महाकुम्भ 2025 जैसे विराट आयोजनों में लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बावजूद प्रशासनिक व्यवस्थाएं अत्यंत अनुशासित, व्यवस्थित और प्रेरक रहीं। विशेष रूप से महाकुम्भ का आयोजन पूरे देश में स्वच्छता, सुरक्षा और समन्वय के एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत हुआ, जिसकी व्यापक सराहना हुई। यह उनकी योजना, सजग निगरानी और संवेदनशील सोच का ही परिणाम था।उनके कार्यकाल में अयोध्या की धार्मिक गरिमा को सहेजते हुए अधोसंरचनात्मक विकास को भी एक नई दिशा दी गई। रामपथ, भक्तिपथ, जन्मभूमिपथ और धर्मपथ जैसे महत्वपूर्ण मार्गों को विशेष रूप से तीर्थ की अनुभूति से जोड़ा गया और उनका सौंदर्यीकरण इस भाव के अनुरूप किया गया कि यहां आने वाला प्रत्येक श्रद्धालु एक आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सके।
गौरव दयाल ने शहर में यातायात, ठहराव और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट लिंक रोड, मल्टीलेवल पार्किंग, रेलवे स्टेशन पुनर्विकास और घाट विस्तार जैसी परियोजनाएं प्राथमिकता में रखीं । जिनकी वे स्वयं नियमित रूप से निगरानी करते रहे। उन्होंने कार्यों की समयबद्धता, गुणवत्ता और पारदर्शिता को कभी नज़रअंदाज़ नहीं होने दिया। मण्डलायुक्त की एक बड़ी विशेषता यह रही कि उन्होंने निजी क्षेत्र और प्रशासन के बीच सहभागिता को बढ़ावा दिया। CSR (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के माध्यम से उन्होंने कई प्रतिष्ठित कंपनियों और संस्थाओं को अयोध्या के विकास में भागीदार बनाया। जिनसे धर्मपथ पर तोरण द्वार सहित श्रीराम हेरिटेज वॉक, रामपथ का तोरण द्वार व इन पथों पर स्थापित कराए गए सूर्य स्तम्भ,राम स्तम्भ व शहर का सौंदर्यीकरण और अन्य सामाजिक सुविधाएं सुनिश्चित हो सकीं।
अयोध्या की आत्मा केवल उसकी इमारतों में नहीं, बल्कि उसकी संस्कृति, संगीत और परंपरा में भी रची-बसी है। इसे जीवंत रखने के लिए मण्डलायुक्त ने सांस्कृतिक प्रयासों को भी विशेष प्राथमिकता दी। साथ ही अयोध्या संरक्षण निधि के अंतर्गत उनके मार्गदर्शन में “राम धुन” नामक एक संगीतमय एल्बम भी जारी किया गया, जो भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों पर आधारित था और जिसमें देश के प्रसिद्ध गायकों ने स्वर दिया।यह एल्बम अयोध्या की आध्यात्मिक छवि को भावनात्मक स्वरूप में जन-जन तक पहुंचाने का एक अभिनव प्रयास था।
आम जनमानस के साथ सतत संवाद, सहज उपलब्धता और मृदुभाषिता उनके प्रशासनिक व्यवहार की विशिष्ट पहचान रही। उन्होंने सदैव जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुना, संवेदनशीलता के साथ समाधान सुनिश्चित किया और प्रत्येक कार्य में जनहित को सर्वोपरि रखा। उनकी स्पष्ट कार्यशैली, कर्मठता और व्यवहारिक नेतृत्व ने उन्हें केवल एक प्रशासक नहीं, बल्कि जनविश्वास का आधार बनाया।
स्थानांतरण के इस अवसर पर जनपद अयोध्या के अधिकारीगण, संत-महात्मा, व्यापारी वर्ग, सामाजिक संगठन एवं आमजन की ओर से गौरव दयाल को उनके उज्ज्वल भविष्य हेतु हार्दिक शुभकामनाएं दी जाती हैं। अयोध्या उनके योगदान को सदा सम्मान और गर्व के साथ स्मरण करता रहेगा – एक ऐसे प्रशासक के रूप में, जिन्होंने सुशासन, संस्कृति और संवेदना का सुंदर संगम प्रस्तुत किया।