अम्बेडकरनगर । यूपी में स्वास्थ व्यवस्था को लेकर शासन के दावे और जमीनी हकीकत मेल नही खा रहे हैं।सीएचसी और पीएचसी की बात ही छोड़िए राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज की ऐसी व्यवस्था है जिसकी हकीकत जान सरकार भी शर्मा जाए।राजकीय मेडिकल कॉलेज में जांच के नाम पर पैसा तो पूरा लिया जा रहा है लेकिन जांच अधूरा है!अब यह मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही है या फिर सरकार की उदासीनता कि यहां मरीजों की जांच जुआड़ के सहारे हो रहा है।एक्सरे कराने वाले मरीजों को उसकी फ़िल्म नही मिलती बलिक मोबाइल में फ़ोटो खींचना पड़ता है।जिस मरीज या तीमारदार के पास मल्टी मीडिया मोबाइल न हो उसकी जांच नही होती और होगी भी तो उसे कुछ मिलेगा नही।
हाइलाइट्स
मेडिकल कॉलेज में एक्सरे फिल्म खत्म
मोबाइल में फोटो खींच कर हो रहा है इलाज
फिल्म खरीदने के लिए नही है बजट!
मामला अम्बेडकरनगर के महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज का है।इस राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की डिजिटल एक्सरे और एक्सरे की जांच जुआड़ के सहारे हो रही है।मेडिकल कॉलेज में काफी दिनों से एक्सरे फ़िल्म नही है।ऐसे में जिन मरीजों को डिजिटल एक्सरे या एक्सरे कराना होता वे या तो डिजिटल मोबाइल ले कर आये और उसमें फ़ोटो खींच ले या फिर कहीं बाहर जा कर अपनी जांच कराएं।मेडिकल कॉलेज में एक्सरे की जांच के लिए 125 रुपये और 225 रूपये शुल्क लिया जाता है।
पैसा पूरा जांच अधूरा !
राजकीय मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों से डिजिटल एक्सरे और एक्सरे की जांच के लिए शुल्क तो पूरा लिया जाता है लेकिन जांच राम भरोसे होती है।मरीजों की जांच कराने आये तीमारदारों का कहना है कि जांच के नाम पर कॉलेज प्रशासन शुल्क तो पूरा लेता है लेकिन जांच की कोई फ़िल्म नही मिलती है।जिसके पास मोबाइल हो वह उसका फ़ोटो खींच ले ।ऐसे में जब डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर फ़िल्म मांगते हैं मोबाइल पर दिखाने पर कहते हैं कि कुछ स्पष्ट नही हो रहा है।
फ़िल्म खरीदने के लिए नही है बजट
एक्सरे फ़िल्म को लेकर जब रेडियोलॉजी विभाग के प्रभारी डॉ विवेक श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के पास फ़िल्म खरीदने के लिए बजट नही है।शासन को सूचना दे दी गयी है।बजट आने पर खरीद होगी।मरीजों की सुविधा के लिए मोबाइल के सहारे जांच की जा रही है।