अंबेडकरनगर । अब इसे इक्तफाक कहा जाय या फिर किस्मत की नियति । आज से तकरीबन 27 साल पहले दो बच्चों की किलकारियों से घर में खुशियां छाई थी । आज उन्ही दोनों के शवों पर रोने से पूरे मोहल्ले में मातम छाया है । ये नियति का खेल ही है कि दोनों भाइयों ने एक ही दिन जन्म लिया और फिर एक ही दिन एक ही तरह से दोनो की मौत हो गई । जुड़वा भाइयों के मौत की कहानी इतना दर्दनाक है कि सुनने के बाद रुह कांप जाय। दोनों को ऐसी मौत मिली कि चाह कर भी एक दूसरे की जिंदगी बचाने के लिए कुछ नही कर सकें ।
दरअसल बीते शनिवार को सरयू नदी में नहाते समय पांच युवक नदी में डूब गए थे । नाविक ने दो युवकों को बचा लिया था । लेकिन तीन युवक अभिषेक, अजय और विजय पानी में डूब गए । नाविक ने अभिषेक की लाश कुछ समय बाद ही बरामद कर लिया था । काफी देर तक खोज बीन करने के बाद विजय का शव भी बरामद कर लिया । शवों की तलाश के लिए एसडीआरएफ की टीम लगाई गई थी लेकिन अजय का कहीं पता नही चला । रविवार को फिर अजय की तलाश शुरू हुई और कुछ समय बाद उसका शव बरामद हुआ ।
दो जुड़वा भाइयों की मौत से सहमा इलाका
टांडा नगर क्षेत्र के कश्मीरिया निवासी चंद्रशेखर आजाद के दोनो बेटे अजय और विजय जुड़वा भाई थें। दोनों ही भाई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे । दोनों ही भाई कश्मीरीया निवासी राम नेवल के अंतिम संस्कार में शामिल होने महादेवा घाट गए थे । वहां पहुंच कर दोनों भाइयों ने तीन अन्य लोगों के साथ नाव से नदी में नहाने चले गए । बताया जा रहा है कि नदी की धारा में पहुंच कर बालू के एक टीला के पास ये लोग नाव से उतर कर नहाने लगे । नदी में पानी के भंवर में पांचों लोग फंस गए । दो लोगों की जिंदगी तो बच गई लेकिन तीन लोगों की मौत हो गई । दोनों भाइयों के मौत की खबर से पूरे इलाके में मातम फैल गया ।
जन्म से लेकर मौत तक निभाते रहे रिश्ता
अजय और विजय दोनों जुड़वा भाई थे । एक साथ जन्म से मौत तक दोनों एक दूसरे के साथ रिश्ता निभाते रहे । परिजन बताते हैं कि दोनों भाइयों में काफी प्रेम थे । वे दोनों एक दूसरे के खुशी का भी ख्याल रखते थे । दोनों भाइयों में इतनी समानता थी कि लोगों को यह पहचानने में भी दिक्कत होती थी कि कौन अजय है और कौन विजय । बचपन से लेकर मौत तक दोनो साथ साथ रहे । अजय और विजय जन्म से लेकर अब तक एक साथ खेलते कूदते पढ़ाई लिखाई भी साथ साथ करते और इक्तफाक ऐसा कि दोनो को एक ही तरह की एक ही दिन मौत मिली । मौत इतनी दर्दनाक की चाह कर भी कोई भाई एक दूसरे की मदद नहीं कर सका ।