आगरा । पुलिसिया प्रताड़ना का शिकार हो कर दो भाईयों द्वारा किए गए आत्महत्या प्रकरण में आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है।थाने के इंस्पेटर और एक दरोगा के विरुद्ध आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज हुआ है।मुकदमा दर्ज होने से पहले आईजी ने दोनो को निलंबित कर दिया है।पूरे घटना क्रम पर विपक्ष ने सरकार की कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है और पूछा है कि कहां है बाबा का बुलडोजर ?
आगरा जिले के सादाबाद थाने की पुलिस ने दो भाईयों पर ऐसा कहर ढाया कि दोनों ने बारी बारी आत्महत्या कर ली।दो भाईयों के आत्महत्या की खबर मीडिया में आई तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।यूपी पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे।जिस पुलिस पर इंसाफ दिलाने का जिम्मा है उसी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगने लगा।पुलिस कर्मियों पर आरोप था कि रिश्वत की मांग को लेकर पुलिस वालों ने इतना प्रताड़ित किया कि दोनो भाईयो ने आत्महत्या कर ली।मामला तूल पकड़ा तो सादाबाद थाने के इंस्पेटर और हरिओम अग्निहोत्री को निलंबित कर दिया गया और दोनो के विरुद्ध बरहन थाने में हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया है।
आईजी अलीगढ़ शलभ माथुर ने बताया कि थाने के इंस्पेटर और दरोगा को निलंबित कर दिया गया है।दोनो के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।पूरे मामले की जांच चल रही है।
ये था पूरा मामला…
जानकारी के मुताबिक बरहन के गांव रुपधनू के रहने वाले संजय का शव शनिवार सुबह गांव के बाहर पेड़ से लटका मिला था। संजय के भाई प्रमोद ने आरोप लगाया था कि सादाबाद थाने में तैनात दारोगा हरिओम अग्निहोत्री नौ जून को संजय को उठाकर ले गए थे। उन्होंने कहा था कि तुम्हारा साला लड़की को भगाकर ले गया है।दो दिन हवालात में रखने के बाद 11 जून को पुलिस ने शांतिभंग की कार्रवाई कर छोड़ दिया। इसके बाद 13 जून को पुलिस संजय के भाई प्रमोद और भतीजे को भी पकड़कर ले गई।आरोप है कि उन्हें 10 हजार रुपये लेकर पुलिस ने छोड़ दिया। इसके बाद दारोगा हरिओम 90 हजार रुपये लेने को दबाव बना रहे थे। 14 जून को संजय ने बैंक से रकम निकाला और सादाबाद के जैंतई के पास जाकर दारोगा को यह रकम दे दी। 40 हजार रुपये और देने को दारोगा द्वारा दबाव बनाया जा रहा था। इससे तंग होकर संजय ने अपनी जान दे दी। प्रमोद ने रविवार को बरहन थाने जाकर सादाबाद पुलिस के खिलाफ तहरीर दिया और बाद में इसने भी आत्महत्या कर ली थी।