आगरा । हाथरस पुलिस के उत्पीड़न से तंग होकर तीन दिन में दो भाईयों ने आत्महत्या कर ली है।बरहन के रुपधनू गांव में दो भाइयों ने एक ही अंदाज में आत्महत्या कर ली। शनिवार को छोटे भाई संजय का गांव के बाहर खेत में पेड़ से शव लटका मिला था और बड़े भाई ने आत्महत्या कर ली।
संजय ने सादाबाद थाने के दारोगा हरिओम अग्निहोत्री पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। बड़े भाई प्रमोद के बरहन थाने में तहरीर दे दी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। अब उसे सादाबाद पुलिस बयान के लिए बार-बार फोन कर बुला रही थी।
सोमवार शाम को प्रमोद का शव भी गांव के बाहर पेड़ से लटका मिला। उसके हाथ में सुसाइड नोट धागे से बंधा है। मौके पर पहुंची पुलिस को ग्रामीणों ने दौड़ा लिया,काफी देर तक शव फंदे से नहीं नीचे नहीं उतरने दिया ।प्रमोद होमगार्ड के जवान था और खंदौली थाने में ड्यूटी कर रहे था।
जानकारी के मुताबिक बरहन के गांव रुपधनू के रहने वाले संजय का शव शनिवार सुबह गांव के बाहर पेड़ से लटका मिला था। संजय के भाई प्रमोद ने आरोप लगाया था कि सादाबाद थाने में तैनात दारोगा हरिओम अग्निहोत्री नौ जून को संजय को उठाकर ले गए थे। उन्होंने कहा था कि तुम्हारा साला लड़की को भगाकर ले गया है।दो दिन हवालात में रखने के बाद 11 जून को पुलिस ने शांतिभंग की कार्रवाई कर छोड़ दिया। इसके बाद 13 जून को पुलिस संजय के भाई प्रमोद और भतीजे को भी पकड़कर ले गई।आरोप है कि उन्हें 10 हजार रुपये लेकर पुलिस ने छोड़ दिया। इसके बाद दारोगा हरिओम 90 हजार रुपये लेने को दबाव बना रहे थे। 14 जून को संजय ने बैंक से रकम निकाला और सादाबाद के जैंतई के पास जाकर दारोगा को यह रकम दे दी। 40 हजार रुपये और देने को दारोगा द्वारा दबाव बनाया जा रहा था। इससे तंग होकर संजय ने अपनी जान दे दी। प्रमोद ने रविवार को बरहन थाने जाकर सादाबाद थाने में तैनात दारोगा हरिओम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दे दी। मगर, वहां उनसे कह दिया गया कि बरहन के अधिकारियों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई होगी।
बताया जा रहा है कि सोमवार को प्रमोद के पास लगातार सीओ सादाबाद का फोन आ रहा था। उन्होंने अपने बहनोई पप्पू चौहान को यह जानकारी दी थी। दोपहर एक बजे प्रमोद आगरा से भाई संजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेकर गांव गए थे। इसके बाद वह अचानक घर से चले गए। शाम साढ़े चार बजे गांव के बाहर पेड़ से उनका शव लटका मिला। उनके हाथ में सुसाइड नोट लगा है। उसे धागे से बांध रखा था। आंवलखेड़ा चौकी इंचार्ज पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ा लिया।
उनका कहना था कि वरिष्ठ अधिकारियों के आने के बाद ही शव फंदे से नीचे उतारा जाएगा। अब तक दारोगा पर केवल लाइन हाजिर की कार्रवाई हुई है। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज क्याें नहीं किया गया। कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर भी ग्रामीण कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
एसपी हाथरस निपुण अग्रवाल ने बताया कि एक लड़की के मामले में पुलिस संजय को थाने लाई थी दस दिन बाद इन्होंने आत्महत्या कर ली ,परिजनों का आरोप था कि विवेचक ने पैसे मांगे थे और आज खबर मिली कि दूसरे भाई ने भी आत्महत्या कर ली,मामले की जांच की जा रही है।