अनुराग चौधरी वाराणसी। केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने का नारा लेकर बीजेपी चुनावी मैदान में है।चुनावी तैयारी में जुटी बीजेपी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी भी कर दी है।बीजेपी की पहली सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 195 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हुई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार वाराणसी से लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया है।अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी को ही चुना है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूं ही नहीं काशी से तीसरी बार चुनाव लडने जा रहे हैं। पहले आप जान लीजिए काशी का क्या रहा है सियासी इतिहास…
सन् 1999 में बीजेपी ने 33.4 प्रतिसत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी और 2004 में कांग्रेस ने 32.6 प्रतिसत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी। 2009 में मुरली मनोहर जोशी ने 30.5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी,जो 2014 में नरेंद्र मोदी को 56.4 प्रतिशत और 2019 में 63.6 प्रतिशत वोट मिला था। देखा जाए तो पिछले कुछ साल में विजयी उम्मीदवारों के वोट शेयर में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
इस वजह से मोदी के लिए मुफीद बनी वाराणसी की सीट
भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार टिकट दिया है। वाराणसी जिसको प्राचीन शब्दों में काशी भी कहा जाता है इस शहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास के रोलमॉडल के रूप में भी जाना जाता है ।आज पूरे विश्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से काशी छाई हुई है। पीएम मोदी से पहले बीजेपी के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी का इस सीट पर कब्जा था। 2014 में बीजेपी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ थी कि कांग्रेस को बाहर करने और केंद्र की सत्ता पर काबिज होने का उनका रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा, क्योंकि इस राज्य की लोकसभा में 80 सीटें हैं, जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा हैं। 2014 में पीएम मोदी ने यहां से रिकार्ड तोड़ मतों से जीत हासिल की इसके बाद 2019 में भी फिर इस सीट से चुनाव लड़े। तब उन्होंने समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव के खिलाफ 4.7 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र में कुल 75 प्रतिसत हिंदू आबादी है।20 प्रतिशत मुसलमान जबकि 5 फीसदी अन्य धर्मों की आबादी है। इसकी 65% प्रतिशत आबादी शहरी और 35% ग्रामीण है। वाराणसी में 10.1 प्रतिशत लोग अनुसूचित जनजाति से हैं और अनुसूचित जाति 0.7 प्रतिसत है। वैसे इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के पाले में गई है।