Wednesday, October 16, 2024

बाहुबली पूर्व सांसद धनजंय सिंह को सात साल की सज़ा, नही लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव!

जौनपुर। पूर्वांचल के बाहुबली जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को अपहरण-रंगदारी के मामले में दोषी पाते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने धंनजय और उनके सहयोगी सन्तोष विक्रम सिंह पर कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति न कराने पर अपहरण-रंगदारी और धमकी देने के मामले में केस दर्ज कराया था। 5 मार्च को कोर्ट ने दोनों को दोषी करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। अपर सत्र न्यायधीश चतुर्थ शरद चंद्र त्रिपाठी ने दोपहर 4 बजकर 10 मिनट पर धंनजय सिंह और उनके सहयोगी सन्तोष विक्रम सिंह को 7 साल की सजा और 50 हज़ार रु अर्थदंड की सुनाई है। फ़िलहाल सजा होने के बाद अब धनंजय सिंह चुनाव नही लड़ पाएंगे।

हाइलाइट्स

  • साल की सजा, 50 हज़ार अर्थदंड का कोर्ट ने सुनाई सजा
  • लोकसभा चुनाव नही लड़ पाएंगे धनंजय

ये है पूरा मामला

दरअसल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के निवासी नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को आरोप लगाया था कि जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह कम गुणवत्ता वाली सामग्रियों की आपूर्ति कराने के लिए दबाब बना रहे थे। वादी द्वारा मना करने पर धनंजय सिंह के करीबी संतोष विक्रम दो अन्य लोगों के साथ जाकर उसका अपहरण करके काली कुत्ती स्थित धनंजय सिंह के आवास पर ले गए। जहां पर धनंजय सिंह ने गाली गलौच देते हुए वादी पर पिस्टल सटाकर कम गुणवत्ता वाली सामग्री की आपूर्ति कराने के लिए दबाव बनाया था।

लाइन बाजार थाने में दर्ज हुआ था केस

प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल की तहरीर पर बाहुबली धनंजय सिंह और उनके सहयोगी के खिलाफ लाइन बाजार थाने में अपरहण, रंगदारी और धमकी देने के मामले में केस दर्ज हुआ था। पुलिस ने धनंजय और उनके सहयोगी को कालीकुत्ती स्थित आवास से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।

हाईकोर्ट से मिली थी जमानत

अपहरण-रंगदारी के मामले मे जेल जाने के बाद धनंजय सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिली इसके बाद धनंजय और सन्तोष विक्रम सिंह जेल से बाहर आये थे।

कोर्ट में बयान से मुकर गया था वादी 

बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर अपहरण-रंगदारी और धमकी देने का आरोप लगाकर केस दर्ज कराने वाला वादी अभिनव सिंघल कोर्ट में मुकर गया था। दरअसल नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपर सत्र न्यायाधीश-6 (एमपी-एमएलए) कोर्ट में बयान देते हुए उस समय कहा था कि उसका अपहरण नहीं हुआ था न ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने उससे किसी तरह की रंगदारी मांगी थी। बल्कि वह खुद अपनी स्वेच्छा से धनंजय सिंह के आवास पर गया था। हालांकि कोर्ट ने केस की गंभीरता को देखते हुए वादी के शपथपत्र पर कोई विचार नही किया था।

5 मार्च को कोर्ट ने दोषी करार दिया

5 मार्च को जौनपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने इस केस से जुड़े धनंजय व उनके सहयोगी को धारा – 364, 386, 504, 506 और 120B आईपीसी के अपराध हेतु दोषी करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। सजा की सुनवाई के लिए अगले दिन यानि 6 मार्च की तारीख़ नियत की गयी थी। हालांकि अदालत ने आज धनंजय और उनके साथी सन्तोष विक्रम को सजा सुनाई।

समर्थकों में मायूसी

बाहुबली धंनजय सिंह को सजा सुनाये जाने के बाद उनके समर्थकों में मायूसी छा गयी है। बता दें कि धनंजय सिंह इस बार जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में थे। BJP की सहयोगी JDU ने जौनपुर सीट के लिए काफी जद्दोजहद की लेकिन BJP यह सीट JDU को नही दी। BJP ने इस सीट से महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया।

हालांकि इसके बाद धनंजय सिंह की उम्मीदों पर पानी फिर गया। माना जा रहा था कि धनंजय अब JDU छोड़कर किसी अन्य दल से अथवा निर्दल चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए धनंजय सपा-बसपा में प्रयास करते रहे लेकिन उन्हें कहीं सफलता नही मिली।

फ़िलहाल, अखिलेश यादव से मिलने के दो दिन बाद जौनपुर की कोर्ट द्वारा अपहरण – रंगदारी के मामले में दोषी करार दिए जाने से उनकी मुश्किलें बढ़ गयी।

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